Singers: Udit Narayan, Alka Yagnik, Sukhwinder Singh, Srinivas
Lyrics: Javed Akhtar
हर संत कहे साधू कहे
सच और साहस है जिसके मन में
अंत में जीत उसी की रहे
आजा रे आजा रे
भले कितने लम्बे हो रस्ते हो
थके ना तेरा ये तन हो
आजा रे आजा रे
सुन ले पुकार डगरिया
रहे ना ये रस्ते तरसते हो तू आजा रे
इस धरती का है राजा तू
ये बात जान ले तू
कठिनाई से टकरा जा तू
नहीं हार मान ले तू
ओ मितवा सुन मितवा, तुझको क्या डर है रे
ये धरती अपनी है, अपना अम्बर है रे
ओ मितवा सुन मितवा...
तू आजा रे
सुन लो रे मितवा
जो है तुम्हरे मन में, वो ही हमरे मन में
जो सपना है तुम्हरा, सपना वो ही हमरा है
जीवन में
हाँ, चले हम लिए, आसा के दीये नैनन में
दीये हमरी आसाओं के कभी बुझ ना पाएँ
कभी आंधियाँ जो आ के इनको बुझाये
ओ मितवा सुन मितवा...
सुन लो रे मितवा
पुरवा भी गाएगी, मस्ती भी छाएगी
मिल के पुकारो तो, फूलों वाली जो रुत है
आयेगी
हाँ, सुख भरे दिन दुःख के बिन लाएगी
हम तुम सजाये आओ रंगों के मेले
रहते हो बोलो काहे तुम यूँ अकेले
ओ मितवा सुन मितवा...
हर संत कहे साधू कहे