Singer(s): Yasser Desai
Lyricist: Shabbir Ahmed
रास्ते हर कदम चलते ही रहे
राहों में दर्द सौ मिलते ही रहे
ढूंडली ढूंडली रहे है
ढूंडली हैं मंज़िल
तुझे ढूंड रहा दिल (...2)
कभी कहीं थम जाए साँसों का सिलसिला
कभी नहीं टूटेगा यादों का काफिला
ज़िंदगी छ्चोड़ दी तूने किस रह में
किया से किया हो गये हम तेरी चाह में…
जीना है मुश्किल
तुझे ढूँढ रहा दिल (...2)
दो किनारों से हम थे
मिल के भी ना मिले
दरमियाँ थे दिलों के
मीलों के फ़ासले
टूट के रह गये हम चार दीवारों में..
दफ़न है ज़िंदगी जैसे मज़ारों में
कुछ नहीं हासिल
तुझे ढूंड रहा दिल (..2)