Singer: Mohammed Rafi
Lyrics: Sahir Ludhianvi
क्या मिलिए ऐसे लोगों से
जिनकी फ़ितरत छुपी रहे
नकली चहेरा सामने आए
असली सुरत छुपी रहे
क्या मिलिए ऐसे लोगों से
जिनकी फ़ितरत छुपी रहे
नकली चहेरा सामने आए
असली सुरत छुपी रहे...
खुद से भी जो खुद को छुपाए
क्या उनसे पहचान करें
क्या उनके दामन से लिपटें?
क्या उनका सम्मान करें?
जिनकी आधी नियत उभरे
आधी नियत छुपी रहे
नकली चहेरा सामने आए
असली सुरत छुपी रहे...
दिलदारी का दोंग रचाकर
जाल बिछाए बातों का
जीतेजी का रिश्ता कहेकर
सुख डुँदे कुछ रातों का
रूह की हसरत लाभ पर आए
जिस्म की हसरत छुपी रहे
नकली चहेरा सामने आए
असली सुरत छुपी रहे...
जिनके ज़ुल्म से दुखी है जनता
हर बस्ती हर गाऊँ में
दया धरम की बात करें वो
बैट के साझी सभाओं में
दान का चर्चा घर घर पहुँचे
लूट की दौलत छुपी रहे
नकली चहेरा सामने आए
असली सुरत छुपी रहे...
देखें इन नकली चहेरॉं की
कब तक जाई जाई कार चले
उजाले कपड़ों की टे में
कब तक काला संसार चले
कब तक लोगों की नज़रों से
छुपी हकिकुट छुपी रहे
नकली चहेरा सामने आए
असली सुरत छुपी रहे...
क्या मिलिए ऐसे लोगों से
जिनकी फ़ितरत छुपी रहे
नकली चहेरा सामने आए
असली सुरत छुपी रहे