Singers: हरिहरन, घनश्याम वसवानी, प्रतिमा राव, संतोष तिवारी
Lyrics: रविन्द्र रावल
ये तो सच है की भगवान है
है मगर फिर भी अन्जान है
धरती पे रूप माँ-बाप का
उस विधाता की पहचान है
जन्मदाता हैं जो, नाम जिनसे मिला
थामकर जिनकी उंगली है बचपन चला
कांधे पर बैठ के, जिनके देखा जहां
ज्ञान जिनसे मिला, क्या बुरा, क्या भला
इतने उपकार हैं क्या कहें
ये बताना न आसान है
धरती पे रूप...
जन्म देती है जो, माँ जिसे जग कहे
अपनी संतान में, प्राण जिसके रहे
लोरियां होंठों पर, सपने बुनती नज़र
नींद जो वार दे, हँस के हर दुःख सहे
ममता के रूप में है प्रभू
आपसे पाया वरदान है
धरती पे रूप...
आपके ख्वाब हम, आज होकर जवां
उस परम शक्ति से, करते हैं प्रार्थना
इनकी छाया रहे, रहती दुनिया तलक
एक पल रह सकें हम न जिनके बिना
आप दोनों सलामत रहें
सबके दिल में ये अरमान है
धरती पे रूप...