Singer(s): Amit Mishra
Lyricist: Sayeed Quadri
तनहाईयाँ तूने क्यूँ दी है बेवजह रे
रुसवाइयां तूने क्यूँ दी है बेवजह रे
बहचानियाँ तूने क्यूँ दी है बेवजह रे
खामोशियाँ तूने क्यूँ दी है बेवजह रे
उन रातों को मैं बतौँगा क्या
जिन रातों में तू मेरी बाहों में था
उन शाँो को मैं समझौँगा क्या
जिन शाँो में तू मुझे मिलता रहा
मिलोगे जो फिर से तो एहसान हो
है चाहत यही अब है हसरत यही
तनहाईयाँ तूने क्यूँ दी है बेवजह रे
रुसवाइयां तूने क्यूँ दी है बेवजह रे
बहचानियाँ तूने क्यूँ दी है बेवजह रे
खामोशियाँ तूने क्यूँ दी है बेवजह रे
तनहाईयाँ तूने क्यूँ दी है बेवजह रे
रुसवाइयां तूने क्यूँ दी है बेवजह रे..