Lyricist: Saawan Kumar Tak
Singer's: Kishore Kumar
कौन सुनेगा किसको सुनाये इसीलिए चुप रहेते है..
हमसे अपने रूठ ना जाए.. इसीलिए चुप रहेते है
मेरी सूरत देखनेवालो मै भी एक आइना था..
टूटा जब ये शीशा ये दिल सावन का महिना था
टूकडे दिल के किसको दिखाए.. इसीलिए चुप रहेते है
हमसे अपने रूठ ना जाए.. इसीलिए चुप रहेते है
आज कुशी की इसा महफ़िल मे अपना जी भर आया है..
गम की कोई बात नही है हमे ख़ुशी ने रुलाया है
अन्खासे अनसु बह ना जाये.. इसीलिए चुप रहेते है
हमसे अपने रूठ ना जाये.. इसीलिए चुप रहेते है
प्यार के फूल चुने थे हमने ख़ुशी के सेज सजाने को..
पत्जाद बनाकर आई बहरे घर मे आग लगाने को
आग मे गम की गल ना जाये.. इसीलिए चुप रहेते है
कौन सुनेगा किसको सुनाये.. इसीलिए चुप रहेते है...
Singer's: Kishore Kumar
कौन सुनेगा किसको सुनाये इसीलिए चुप रहेते है..
हमसे अपने रूठ ना जाए.. इसीलिए चुप रहेते है
मेरी सूरत देखनेवालो मै भी एक आइना था..
टूटा जब ये शीशा ये दिल सावन का महिना था
टूकडे दिल के किसको दिखाए.. इसीलिए चुप रहेते है
हमसे अपने रूठ ना जाए.. इसीलिए चुप रहेते है
आज कुशी की इसा महफ़िल मे अपना जी भर आया है..
गम की कोई बात नही है हमे ख़ुशी ने रुलाया है
अन्खासे अनसु बह ना जाये.. इसीलिए चुप रहेते है
हमसे अपने रूठ ना जाये.. इसीलिए चुप रहेते है
प्यार के फूल चुने थे हमने ख़ुशी के सेज सजाने को..
पत्जाद बनाकर आई बहरे घर मे आग लगाने को
आग मे गम की गल ना जाये.. इसीलिए चुप रहेते है
कौन सुनेगा किसको सुनाये.. इसीलिए चुप रहेते है...